"स्याह परिंदे "
छुपा सको तो छुपा लो
अपने दामन में तुम
छुपा सको तो छुपा लो
अपने दामन में तुम
एक पहर स्याह घरोंदों में तुम्हारे
एक किरण दूर आसमां में कहीं
छुपा सको तो छुपा लो
ये परिंदे तुम्हारे घरौंदे के नहीं
फिर ढलते व निकलते चांद की तरह
ये परिंदे उड़ चलेंगे कहीं
हर स्याह अंधेरे के बाद
@VijayRwat