उत्तराखंड अपनी हसीन वादियों और देवभूमि के नाम से विख्यात है परंतु आज भी उत्तराखंड के कई स्थल ऐसे है जिन तक न कोई पर्यटक पहुंचा और ना ही राज्य सरकार ने इनकी सुध ली राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में असीम विकास हुआ व राज्य आर्थिक रूप से पर्यटन पर निर्भर है परंतु ऐसे कई स्थान अभी भी सभी की नजरों से अनभिज्ञ है जहां पर्यटन के अच्छे स्थान उपलब्ध हो सकते हैं
ऐसा एक स्थान है कर्णप्रयाग के निकट कपीरी क्षेत्र में कंथोली, एक छोटा बुग्याल जो कि समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर स्थित है,सर्दियों के मौसम में बर्फबारी व बांज बुरांश,चीड,देवदार वह अन्य प्रकार की वनस्पतियां पाई जाती हैं
जंगली पशुओं में बाघ,हिरण,बारहसिंघा,भालू बंदर,सूअर व पालतू पशुओं की भरमार है| 2 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला यह बुग्याल आज भी पर्यटकों व सरकार की नजरों से छुपा हुआ है | जिसका मुख्य कारण है यहां तक सड़क का न पहुँचना, इसी तरह ऐसे कई जगह आज भी हमारी नजरों से छुपी हुई है जहां की पर्यटन के अच्छे अवसर प्राप्त हो सकते हैं|
इसी से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक अन्य क्षेत्र गेन है|यहां बागान की दृष्टि से उत्तम भूमि है यहां अनेक जल स्रोत है वह अनेक प्रकार की वनस्पतियां व जड़ी बूटी उपलब्ध है इसके चारों तरफ घना बांज का जंगल है सरकार द्वारा यहां सेब के बागान लगाए गए परंतु इसके उपरांत उन बागानों की की सुध किसी ने न ली, अभी भी यह क्षेत्र व इसके आसपास के गांव सड़क व मूलभूत सुविधाओं से अछूते हैं!
https://youtu.be/t-mZNUB8cJ8
जरूरत है तो मात्र सहयोग की आपके वह हमारे,जहां आज के समय में पर्यटन के क्षेत्रों में विकास हुआ है व इनके लिए कई योजनाओं का आरंभ हुआ है जिससे राज्य में अनेक स्थानों को विश्व स्तर पर पहचान मिली है राज्य की अनेक प्राकृतिक धरोहरों को विश्व धरोहर के रूप में स्थापित किया गया है इस प्रकार हम अनेक माध्यमों से पर्यटकों व सरकार को उन सभी स्थानों से परिचित करा सकते हैं जिन तक यह परियोजनाएं नहीं पहुंच पाई है इससे किसी न किसी रूप में क्षेत्रीय लोगों व साथ ही राज्य सरकार को आर्थिक लाभ होगा
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