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रुद्रप्रयाग और टिहरी सर्वाधिक भूस्खलन प्रभावित जिले करार /March 2023 current affairs

 रुद्रप्रयाग और टिहरी सर्वाधिक भूस्खलन प्रभावित जिले करार


6 मार्च, 2023 को वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. डीपी डोभाल ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के राष्ट्रीय सुदूर संवेदी केंद्र (एनआरएससी) की हाल ही में जारी भूस्खलन मानचित्र रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग व टिहरी जिले देश में भूस्खलन से सर्वाधिक प्रभावित जिले हैं।

प्रमुख बिंदु

• भू-विज्ञान संस्थान के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. डीपी डोभाल ने बताया कि रिपोर्ट में भूस्खलन जोखिम विश्लेषण किया गया है। इसके अनुसार, सर्वाधिक भूस्खलन प्रभावित देश के 147 जिलों में उत्तराखंड के सभी 13 जिले शामिल हैं। इनमें रुद्रप्रयाग पहले टिहरी दूसरे स्थान पर तथा चमोली जिला भूस्खलन जोखिम के मामले में देश में 19वें स्थान पर है।विदित है कि चमोली जिले का जोशीमठ शहर इन दिनों भूस्खलन के खतरे की चपेट में है। वैज्ञानिक इसकी तकनीकी जांच कर खतरे को भाँप रहे हैं। बहरहाल उपग्रह से लिये गए चित्रों की रिपोर्ट बता रही है कि उत्तरकाशी देश में 27वें स्थान पर है। पौड़ी गढ़वाल को 23वीं और देहरादून जिले की 29वीं रैकिंग है। 

देश में सबसे अधिक भूस्खलन घनत्व वाला जिला रुद्रप्रयाग है। यानी भूस्खलन से इस जिले को सबसे अधिक सामाजिक और आर्थिक क्षति होने का खतरा है। वही स्थिति टिहरी जिले को भी है ये दोनों जिले भौगोलिक रूप से दूसरे जिलों की तुलना में छोटे हैं। इस लिहाज से भी भूस्खलन घनत्व बड़ा दिखाई दिया है।एटलस के मुताबिक, देश में भूस्खलन के लिहाज से सबसे अधिक जोखिम भरे पहले दो जिले रुद्रप्रयाग व टिहरी उत्तराखंड में हैं। तो सबसे कम संवेदनशील जिले हरिद्वार और उधमसिंह नगर भी राज्य में ही हैं।

● एनआरएससी के भूस्खलन जोखिम विश्लेषण में 147 जिलों में हिमाचल के 11 जिले शामिल हैं। हिमाचल में भूस्खलन से सबसे अि खतरा मंडी जिले में है। प्रदेश में इस जिले की रैंक 16वीं है।

• हिमालयी राज्यों में शामिल जम्मू और कश्मीर के 14 जिले भूस्खलन जोखिम वाले जिलों की सूची में शामिल हैं। इनमें राजौरी देश का चौथा और पुंछ छठा सबसे अधिक भूस्खलन प्रभावित जिला है। 147 संवेदनशील जिलों की सूची में केरल के कुल 10 जिले हैं, जहाँ भूस्खलन से खतरा है 10 सबसे अधिक भूस्खलन जोखिम जिलों की सूची में केरल के तीन जिले शामिल हैं। 

● पूर्व वैज्ञानिक डॉ. डीपी डोभाल ने बताया कि पूरा हिमालयी क्षेत्र भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील है। एनआरएसी को इस रिपोर्ट के आधार पर विस्तृत अध्ययन होना चाहिये। भूस्खलन से वास्तविक नुकसान कितना है? कितनी आबादी को वह प्रभावित कर रहा है? इससे नीति नियामक यह तय कर सकते हैं कि उन्हें किस तरह की योजना बनानी है।

उत्तराखंड के सबसे प्रभावित जिले (लाल रंग में)-

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