Type Here to Get Search Results !

Uttarakhand current affairs may 2023/Ukpsc/uksssc/RO/ARO/LECTURE

मिशन कर्मयोगी के तहत डॉ.एस.एस. ने ट्रेनिंग मॉड्यूल का किया शुभारंभ

प्रमुख बिंदु

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को शीघ्र iGOT पोर्टल पर ऑनबोर्ड किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि iGOT पोर्टल पर ऑनबोर्ड होने के लिये सभी विभागों के नोडल अधिकारी शीघ्र नामित किये जाएँ।
महानिदेशक डॉ. आर. एस. टोलिया व उत्तराखंड प्रशासन अकादमी बी. पी. पांडेय के अनुसार iGOT पोर्टल पर अभी तक 72 में से 36 विभाग ऑनबोर्ड हो गए हैं। इस ऑनलाइन पोर्टल पर कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिये प्रशिक्षण सामग्री उपलब्ध रहेगी, जिसे विभागीय कर्मी सरकारी ईमेल आईडी के माध्यम से ईलर्निंग सामग्री प्राप्त कर सकेंगे।
जिन विभागों के पास पहले से अपनी प्रशिक्षण सामग्री उपलब्ध हैं, वे इस पोर्टल पर अपलोड की जा सकेगी, ताकि सभी कर्मियों को आसानी से प्राप्त हो सके। पोर्टल पर अब तक 120 प्रशिक्षण मॉड्यूल अपलोड किये जा चुके हैं, अगले माह तक जिनकी संख्या लगभग 200 हो जाएगी।


देश में पहली बार BRO ने चमोली में खोला कैफे

7 मई, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 64वें स्थापना दिवस पर रक्षा राज्यमंत्री अजय भटे ने उत्तराखंड में बदरीनाथ हाईवे पर चमोली ज़िले के पांडुकेश्वर में देश में बीआरओ के पहले कैफे का वर्चुअली उद्घाटन किया। 


प्रमुख बिंदु  
बीआरओ की ओर से पांडुकेश्वर में खोला गया कैफे संगठन का पहला कैफे है। इसमें बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिये खाने की बेहतरीन सुविधा दी जाएगी। बीआरओ की इस नई पहल से तीर्थयात्रा पर आने वाले यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी।  देश में जहाँ भी बीआरओ की सड़कें हैं, उनके किनारे 75 जगहों पर कैफे खोले जाएंगे

राष्ट्रीय स्मारक घोषित होगा तुंगनाथ मंदिर

6 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के पुरातत्त्व विभाग के प्रभारी अधिकारी देवराज सिंह रौतेला ने बताया कि पंचकेदारों में से तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाएगा।  



प्रमुख बिंदु  
विदित है कि राज्य के रुद्रप्रयाग ज़िले में तुंगनाथ मंदिर एशिया में समुद्रतल से सबसे ऊँचाई (12800 फीट) पर स्थापित शिवालय है। रुद्रप्रयाग ज़िला मुख्यालय से तुंगनाथ मंदिर की दूरी 70 किमी. है। चोपता से चार किमी. पैदल चढ़ाई कर मंदिर तक पहुँचते हैं। 
गौरतलब है कि प्राचीन मंदिर तुंगनाथ को राष्ट्रीय महत्त्व स्मारक घोषित करने के लिये केंद्र सरकार ने 27 मार्च, 2023 को अधिसूचना जारी की है।  

उत्तराखंड के स्कूलों में छात्रों को मिलेंगी द्विभाषी किताबें

  
6 मई, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विद्यालयी शिक्षा की समीक्षा के दौरान बताया कि अगले सत्र से प्रदेश के सरकारी और अशासकीय स्कूलों के कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को विज्ञान, गणित और नागरिकशास्त्र की द्विभाषी किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी।  

प्रमुख बिंदु  

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनसीईआरटी की ऐसी प्रत्येक विषय की पुस्तक में बाँया पेज हिन्दी और दाहिना पेज अंग्रेज़ी भाषा में होगा। इससे हिन्दी और अंग्रेज़ी माध्यम के बच्चों के लिये पढ़ाई करना और सहज हो सकेगा। 
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन ज़िलों में विद्यालयी शिक्षा के तहत विद्यार्थी ड्रॉपआउट हो रहे हैं, इनके कारणों का अध्ययन किया जाए तथा ड्रॉपआउट बच्चों की संख्या कम करने के लिये हरसंभव प्रयास किये जाएँ और सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के प्रयास किये जाएँ।
पीएमश्री के तहत राज्य के चयनित 142 स्कूलों के लिये सभी आवश्यक ज़रूरी सुविधाएँ जुटाई जाएंगी। स्कूली शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। 
पॉलिटेक्निक कॉलेजों एवं आईटीआई में समय की मांग के आधार पर कोर्स करवाए जाएंगे। इसके लिये औद्योगिक संस्थानों से निरंतर आपसी समन्वय बनाया जाएगा, ताकि प्रशिक्षण के बाद विद्यार्थियों को उचित प्लेसमेंट मिल जाए।  
पॉलिटेक्निक कॉलेजों एवं आईटीआई के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान देते हुए यह तय किया जाए कि इनमें दक्ष मानव संसाधन के साथ आवश्यक उपकरण भी हों। जिस ट्रेड में कार्य के लिये मांग बढ़ी है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। पॉलिटेक्निक कॉलेजों और आईटीआई का अपग्रेडेशन भी चरणबद्ध तरीके से करने के निर्देश दिये। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुपालन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा तथा उच्च शिक्षा के साथ व्यावसायिक कोर्स को बढ़ावा देने पर भी कार्य किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने ‘साइबर एनकाउंटर्स’ पुस्तक का विमोचन किया

7 मई, 2023 को उतराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजपुर रोड स्थित सेंट जोसेफ अकेडमी, देहरादून में ‘साइबर एनकाउंटर्स’पुस्तक के हिन्दी संस्करण का विमोचन किया।  

प्रमुख बिंदु

यह पुस्तक डीजीपी उत्तराखंड अशोक कुमार एवं पूर्व डी.आर.डी.ओ वैज्ञानिक ओ.पी. मनोचा द्वारा लिखी गई है।  
डीजीपी अशोक कुमार एवं ओ.पी मनोचा ने साइबर अपराधों का विश्लेषण करती व सत्य घटनाओं पर आधारित यह पुस्तक लिखी है, इससे साइबर अपराधों से बचने में पाठकों को बहुत मदद मिलेगी। इस पुस्तक में जहाँ एक ओर सच्ची घटनाओं का जिक्र करते हुए लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया है, वहीं दूसरी ओर पुस्तक मनोरंजक भी है। पुस्तक का एक-एक पृष्ठ लोगों को साइबर क्राइम से बचाव के लिये प्रेरित करने का कार्य करेगा।  
साइबर क्राइम वर्तमान टेक्नोलॉजी के युग की सबसे बड़ी चुनौती है और प्रदेश के डीजीपी द्वारा इस चुनौती के संबंध में जनता को जागरूक करना इस पुस्तक की प्रासंगिकता को और भी अधिक बढ़ा देता है।  
उल्लेखनीय है कि इस पुस्तक के लेखक डीजीपी अशोक कुमार उत्तराखंड कैडर के वर्ष 1989 के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी हैं।  
30 नवंबर, 2020 को वे उत्तराखंड के 11वें डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) बने। अपने लगभग तीन दशक के सेवाकाल में अविभाजित उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड पुलिस, आईटीबीपी और बीएसएफ के महत्त्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे हैं। बीते वर्षों में उन्होंने कई विषयों पर पुस्तकें भी लिखीं, जिनमें उनकी ‘खाकी में इंसान’पुस्तक बेहद प्रसिद्ध रही है। 
अशोक कुमार का जन्म 20 नवंबर 1964 को हरियाणा के पानीपत ज़िले के कुराना गांव में हुआ था। उन्होंने आईआईटी दिल्ली से बीटेक और एमटेक की शिक्षा प्राप्त की थी। 
डीजीपी अशोक कुमार को वर्ष 2001 में कोसोवो में उत्कृष्ट कार्य के लिये यूनए मिशन पदक मिला था। उन्हें वर्ष 2006 में दीर्घ एवं उत्कृष्ट सेवाओं के लिये राष्ट्रपति द्वारा पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। 
ओ.पी मनोचा डीआरडीओ के वैज्ञानिक हैं। ओ. पी. मनोचा भौतिकी (इलेक्ट्रॉनिक्स) में पोस्ट ग्रैजुएट हैं और उन्हें रक्षा मंत्रालय के अनुसंधान विंग डी.आर.डी.ओ. में काम करने का 35 साल का अनुभव है, जहाँ उन्होंने विभिन्न रक्षा परियोजनाओं को धरातल पर उतारा। 
विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय पत्रिकाओं तथा सम्मेलनों में उनकी छह कृतियाँ प्रकाशित हैं, जिनमें डिफेंस साइंस जर्नल, इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ इमेज इनफॉर्मेशन प्रोसेसिंग और इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन एडवांसेज इन कंप्यूटर साइंस की कार्रवाइयाँ शामिल हैं। 
वे इंस्टीट्यूशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर्स के लाइफ फेलो हैं और कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया तथा इंडियन सोसाइटी ऑफ रिमोट सेंसिंग के आजीवन सदस्य हैं। वे IETE, देहरादून चैप्टर के पूर्व अध्यक्ष हैं। वे वर्ष 2018 में डी.आर. डी.ओ. से सेवानिवृत्त हुए


सोमनाथ मेला मासी 2023

8 मई, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐतिहासिक सोमनाथ मेला मासी 2023 में प्रतिभाग करते हुए सोमनाथ मेले को 5 लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा की।  

प्रमुख बिंदु

उल्लेखनीय है कि सोमनाथ मासी मेले का आयोजन कुमाऊँ मंडल के अल्मोड़ा जनपद की तहसील रानीखेत के मासी नामक गाँव में रामगंगा नदी के उस पार स्थित सोमेश्वर महादेव के मंदिर के सामने नदी तट पर होता है।  
इसका प्रारंभ वैसाख के अंतिम रविवार को होता है तथा पहली सत्र के मेले को ‘सल्टिया मेला’ कहा जाता है। इसका मुख्य आकर्षण वैसाख के अंतिम सोमवार को सोमनाथ के मंदिर के सामने रामगंगा के इस ओर के तट पर नदी में पत्थर फेंककर पानी उछालने की प्रतियोगिता होती है।  
यह प्रतियोगिता पालीपछाऊ के दो धड़ों मासीवाल तथा कनूडिया के बीच होती है। एतदर्थ दोनों धड़ों के लोग अपने-अपने निशानों (ध्वजों) व ढोल-नगाड़ा के साथ आकर रामगंगा के किनारे एक नियत स्थान पर ऽड़े हो जाते हैं तथा दोनों धड़ों के प्रधानों के द्वारा नियत समय पर प्रतियोगिता प्रारंभ करने के लिये उनके संकेतों की प्रतीक्षा करते हैं। जैसे ही उनकी ओर से झंडी या सीटी का संकेत मिलता है वैसे ही दोनों धड़ों के लोग हाथों से बड़े-बड़े पत्थर नदी में फैंकते और उछाले गए जल को अपने उपर लेने का प्रयास करते हैं। यह जल पवित्र माना जाता है

मुख्यमंत्री ने सचिवालय में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1905 के नये प्रारूप का शुभारंभ किया

9 मई, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1905 के नये प्रारूप का शुभारंभ किया।  

प्रमुख बिंदु 



सीएम हेल्प लाईन 1905 के नये वर्जन में 1905 डायल करने के अलावा वेब पोर्टल, मोबाइल एप एवं ऑडियो कॉल रिकॉर्डिंग फीचर की सुविधा भी दी गई है।  
अब 24 घंटे सीएम हेल्पलाइन 1905 पर मदद लिये जाने के साथ शिकायत भी दर्ज करने की सुविधा उपलब्ध रहेगी।  
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सीएम हेल्पलाइन 1905 की विभागों द्वारा माह में दो बार समीक्षा की जाए। मुख्यमंत्री प्रत्येक माह के अंतिम सप्ताह में इसकी स्वयं समीक्षा करेंगे।  
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सीएम हेल्पलाइन 1905 से लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि जन समस्याओं एवं शिकायतों के निस्तारण के लिये बनाए गए इस हेल्पलाईन का लाभ आमजन को मिले।  
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए जन समस्याओं का उनके स्तर पर ही समाधान हो जाए। तहसील स्तर पर जिन समस्याओं का समाधान हो सकता है, वे अनावश्यक ज़िलाधिकारी तक न आए और जिन समस्याओं का समाधान जनपद स्तर पर होना है वे शासन स्तर तक न आएं। जिस स्तर पर समस्याओं का समाधान होना है, यदि नहीं हो रहा है तो संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाए।
भ्रष्टाचार मुक्त एप 1064 को और अधिक सशक्त बनाया जाए। तहसील दिवसों का नियमित आयोजन किया जाए। जनपद स्तर पर भी ज़िलाधिकारी प्रतिमाह जनसुनवाई करें। प्रत्येक माह के पहले एवं तीसरे मंगलवार को तहसील जन समर्पण दिवस का आयोजन किया जाए एवं चौथे मंगलवार को जनपद में ज़िलाधिकारी जन समर्पण दिवस लगाकर जन समस्याओं का समाधान करें।  
सभी जन समस्याओं एवं जन शिकायतों को ऑनलाईन रजिस्टर किया जाए। जिन लोगों की समस्याओं का समाधान तहसील एवं जनपद स्तर पर नहीं हो पाएगा, उन समस्याओं को ही मुख्यमंत्री कार्यालय को संदर्भित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम (ए.एन.पी.आर) का शुभारंभ किया

9 मई, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय से परिवहन विभाग द्वारा तैयार किये गए ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम (ए.एन.पी.आर) का शुभारंभ किया। 



प्रमुख बिंदु

ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम से प्रदेश के प्रमुख मार्गों में यातायात के नियमों के अनुपालन एवं कर अपवंचन संबंधी प्रकरणों की ऑनलाईन मॉनिटरिंग की सुविधा मिलेगी।
ए.एन.पी.आर कैमरे लगने से जीएसटी एवं अन्य विभागों को भी मदद मिलेगी व कर चोरी पर रोकथाम भी इससे संभव होगा। इससे चेक पोस्टों पर जाम से मुक्ति मिलेगी और आवागमन भी सरल होगा। इसके साथ ही इस व्यवस्था के प्रारंभ होने से वाहन दुर्घटनाओं को रोकने में भी मदद मिलेगी।  
सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि मोटर यान अधिनियम, 1988 में संशोधन करते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वाहनों की इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग किये जाने की व्यवस्था की गई है।  
उत्तराखंड में राज्य की सीमा पर स्थापित सभी चैक पोस्टों को समाप्त कर दिया गया है। राज्य में इलैक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग व्यवस्था लागू करने हेतु प्रथम चरण में राज्य की सीमा पर ए.एन.पी.आर. स्थापित करने की योजना बनाई गई जिसके लिये राज्य सड़क सुरक्षा कोष से 4.61 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है।  
उत्तराखंड परिवहन सचिव ने जानकारी दी कि इस योजना के अंतर्गत ए.एन.पी.आर. पोर्टल से प्राप्त डाटा को जीएसटी विभाग को उपलब्ध कराने हेतु इंटीग्रेशन की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है, जबकि अन्य विभागों-खनन, आबकारी, पर्यटन, शहरी विकास, वन विभाग तथा पुलिस के साथ इंटीग्रेशन किया जाना भी प्रस्तावित है ताकि एक ही माध्यम से प्राप्त डाटा का सभी संबंधित विभागों द्वारा उपयोग किया जा सके।  
इस व्यवस्था को पूर्णत: आटोमेटेड बनाया गया है जिसके लिये ए.एन.पी.आर. कैमरे के लिये तैयार सॉफ्टवेयर का इंटीग्रेशन वाहन पोर्टल एवं ई-चालान पोर्टल से किया गया है। इससे वाहन के नंबर प्लेट के आधार पर चालान स्वत: जेनरेट हो सकेंगे, जिसमें मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा।

Post a Comment

0 Comments