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प्रयायवाची (synonyms)


जो शब्द अर्थ की दृष्टि से समान होते हैं, पर्यायवाची या समानार्थी शब्द कहलाते हैं। यद्यपि पर्यायवाची शब्द समानार्थी होते हैं किन्तु भावानुसार ये एक दूसरे से किंचित भिन्न भी हो सकते हैं। पर्यायवाची शब्द को 'प्रतिशब्द' भी कहते हैं। ये शब्द अधिकांशतः रूढ़ शब्द होते हैं और किसी वस्तु के गुण, रूप, अवस्था आदि को देखकर उसके पर्यायों का जन्म होता है।
हिन्दी के पर्यायवाची शब्द अधिकतर संस्कृत के तत्सम शब्द होते हैं, जिन्हें हिन्दी भाषा ने ज्यों का त्यों ग्रहण कर लिया है। पर्यायशब्दों का प्रयोग औचित्य पर निर्भर करता है, अन्यथा अर्थ का अनर्थ हो जाता है जैसे जंगल में हय दौड़ रहे हैं। इस वाक्य में 'हय' शब्द घोड़े का पर्यायवाची है परन्तु यहाँ इसका प्रयोग उपयुक्त नहीं है इसका सही प्रयोग 'जंगल में घोड़े दौड़ रहे हैं' होगा। । अतः अर्थ की समानता होते हुए भी पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग एक दूसरे की जगह नहीं भी हो सकता। विभिन्न परीक्षाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण पर्यायवाची शब्दों की सूची अधोलिखित हैं। यथा
                          प्रयायवाची शब्द 
अरण्य : वन, जंगल, कानन, विपिन, अटवी, कांतार, गहन 

अतुल: अनुपम, अद्वितीय, बेमिसाल, बेनज़ीर, बेजोड़, अनन्य, अपूर्व, अनोखा

अटल : अपरिवर्तनीय, अविचल, पक्का, अडिग, स्थिर, अचल

 अमृत : सोम, अमी, (UPPCS :M:98) अमिय, सुधा, सुरभोग, पीयूष

अर्जुन : धनंजय, पार्थ (UPSD1:06), कौन्तेय, गुडाकेश*,
गांडीवधारी, भारत, सव्यसाची*, वृहन्नला, कपिध्वज

अखंड : अछिन्न, अक्षत, पूरा, अभंग, निरंतर, अविभक्त

अनाज : धान, गल्ला, दाना, खाद्यात्र, अन्न, धान्य, शस्य

अतिथि : मेहमान, पाहुन, आगंतुक, अभ्यागत (U.P. Lower: 04)

आग्नि : दहन, आग, ज्वाला, कृशानुं वैश्वानर, (UPPCS:14 ) हुताशन, अनल, पावक, वह्नि, वायुसखा, धूमकेतु*

अंधकार : अँधेरा, अँधियारा, तम, तिमिर (MPPCS:M:95) तमस्

अंतःपुर : हरम, जनानखाना, रनिवास, भागपुर

अंश : भाग, हिस्सा, अवयव, पक्ष, अंग,

अक्षर : अविनाशी, ब्रह्म, (हरफ) 'अ' आदिवर्ण

अंक : संख्या, गिनर्ती, आँकड़ा, क्रोड, गोद, पार्श्व

अन्वेषण: खोज, जाँच, अनुसंधान, शोध, छानबीन, पूछताछ, तलाश, गवेषणा*, अन्वीक्षण

अनुरूप : समरूप, सदृश्य, समान, तुल्यरूप, मिलता-जुलता

अनिष्ट : अमंगलकारी, अकल्याणकर, बुरा, अहितकर,अशुभ 

अनाथ : निराश्रित, दीन, नाथहीन, बेसहारा, यतीम

अचेत : संज्ञाशून्य, चेतनाशून्य, चेतनाहीन, बेहोश, बेखबर,

अधर्म :  पाप, अनाचार, जुल्म, अपकर्म, अनीत, अन्याय (UPRO/ARO : 10)

असुर : राक्षस, रजनीचर, निशाचर, दानव, दनुज, दैत्य, तमचर यातुधान), शंबर*

अश्व :रविसुत,बाजी, हुय, घोटक, सैंधव, घोड़ा, तुरंग,

 • अज्ञानी : अज्ञ, नादान, मूर्ख, अबोध, मूढ़, उजबक, भोंदू

अखिल : पूर्ण, संपूर्ण, पूरा, सारा, समस्त

अभिजातः श्रेष्ठ, विशिष्ट, योग्य, संभ्रांत, कुलीन 

आँख : चक्षु, दृग, लोचन, नयन, अक्षि, नज़र, चश्म, नेत्र,
अम्बक), प्रेक्षण, विलोचन, अक्ष (RAS/RTS: 94)

आनन्द:  प्रमोद, आह्लाद, विनोद, उल्लास, लुत्फ, मोद

आलोचना : समीक्षा, नुक्ताचीनी, टीका-टिप्पणी, गुण-दोष-निरूपण (RAS/RTS : M:94)

अवनति: ह्रास, घटाव, उतार, गिराव, अपकर्ष

असभ्य : गँवार, अभद्र, दुश्शील, अशिष्ट

आकाश : आसमान, अंतरिक्ष, तारापथ, व्योम, (स्टाफ नर्स : 17) नभ, अंबर, गगन, अनंत, फलक, खगोल, शून्य

आम : अमृतफल, आम्र, रसाल, पिकबंधु, मधुदूत, सहकार,
अतिसौरभ, कामांग, द्रुमपिक

आयु : अवस्था, वय, उम्र, जिन्दगी, जीवनकाल

अस्त : लुप्त, गायब, ओझल, अदृश्य, तिरोहित

आरंभ : सूत्रपात, शुरुआत, श्री गणेश, उपक्रम, विस्मिल्ला

इच्छा : लालसा, ईहा, स्पृहा, मनोरथ, आकांक्षा, कामना, अभिलाषा, वासना

इंद्र : देवेंद्र, शचीपति, वासव, देवराज, सुरपति, मघवा, पुरंदर, देवेश, (APO:1994, 96, शक्र, सहस्त्राक्ष, सुरेश, विडौला (UPRO/ARO : 10)

इंद्राणी: इंद्रा, पुलोमजा*, शची, इंद्रवधू, ऐंद्री

इष्ट : वांछनीय, काम्य, इच्छित, अभिप्रेत, अभीष्ट, मनोवांछित

उन्नति : अभ्युदय, उत्थान, उत्कर्ष, विकास, प्रगति, तरक्की, बढ़ोत्तरी

उत्पत्ति : उद्गम, उद्भव, व्युत्पत्ति, पैदाइश, जन्म, जनन, आरंभ, आविर्भाव, शुरुआत, स्रोत

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