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Current Affairs /Uttarakhand Current Affairs /uttarakhand current affairs ukpsc JANUARY 2023 PART 1

 

उत्तराखंड स्ट्रीट चिल्ड्रेन पालिसी

1 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास सचिव हरि चंद्र सेमवाल ने बताया कि प्रदेश में सड़कों पर रहने वाले बच्चों के लिये प्रदेश सरकार स्ट्रीट चिल्ड्रेन पालिसी लाने जा रही है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देशों के क्रम में इस नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है

उत्तराखंड के 1800 गाँवों में अब रेगुलर पुलिस सँभालेगी कानून-व्यवस्था

2 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के अपर गृह सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि राज्य के 1800 राजस्व गाँवों में कानून व्यवस्था अब रेगुलर पुलिस सँभालेगी। राज्य सरकार ने राजस्व पुलिस की व्यवस्था को समाप्त कर इन गाँवों को रेगुलर पुलिस के अधीन करने के लिये अधिसूचित कर दिया है



चीन सीमा को जोड़ने वाले उत्तराखंड के दो पुल राष्ट्र को समर्पित  

3 जनवरी, 2023 को देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीन सीमा को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर नवनिर्मित उत्तराखंड के दो पुलों का वर्चुअली उद्घाटन किया। इन पुलों का निर्माण टनकपुर-तवाघाट-लिपुलेख सड़क पर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने किया है।

  • राज्य में टनकपुर-तवाघाट-लिपुलेख सड़क पर एक पुल धौलीगंगा में है। धौलीगंगा और काली गंगा के संगम स्थल पर बनाए गए इस सुपर स्ट्रक्चर पुल की लंबाई 80 मीटर है।
  • दूसरा पुल इसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर जौलजीबी के पास किमखोला के गुमरोड़ी में बनाया गया है। इस पुल की लंबाई 35 मीटर है।
  • ज्ञातव्य है कि इन पुलों का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 27 दिसंबर को किया जाना था लेकिन उस दिन पुलों का उद्घाटन किन्हीं कारणोवश नहीं हो सका।
  • सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के ओसी रमेश गणपति ने बताया कि दोनों पुलों का निर्माण प्रोजेक्ट हीरक के तहत 1447 बीसीसी/47बीआरटीएफ ने किया है। राष्ट्रीय राजमार्ग में मज़बूत पुलों के बनने से वाहनों की आवाजाही और अधिक सुगम हो जाएगी।

मसूरी के कैंपटी में बनेगी प्रदेश की पहली टनल पार्किंग

4 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने देहरादून में टनल पार्किंग, ऑटोमेटेड पार्किंग को लेकर सभी कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में बताया कि मसूरी के कैंपटी क्षेत्र में प्रदेश की पहली टनल पार्किंग बनेगी। इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को शासन ने मंजूरी दे दी।

प्रमुख बिंदु 

  • अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने बताया कि यह पार्किंग नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएचआईडीसीएल) तैयार करेगा। इसके अलावा हरिद्वार में भी हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) और एनएचआईडीसीएल के संयुक्त तत्वावधान में पाँच ऑटोमेटेड पार्किंग को मंजूरी दी गई। इनकी डीपीआर जल्द तैयार की जाएगी।
  • इसके अलावा प्रदेश में दस बड़े पार्किंग प्रोजेक्ट की डीपीआर अंतिम चरण में है।
  • प्रदेश में 158 नई पार्किंग का रोडमैप तैयार किया गया है। इनमें 10,000 से ज्यादा वाहन पार्क हो सकेंगे। इनमें 50 भूतल पार्किंग, 88 मल्टी लेवल कार पार्किंग, नौ ऑटोमेटेड और 12 टनल पार्किंग शामिल हैं।

ज़िले एवं नई पार्किंग-

ज़िला

श्रेणी-ए

श्रेणी-बी

अल्मोड़ा

17

05

बागेश्वर

06

02

चमोली

11

05

चंपावत

06

01

देहरादून

03

01

हरिद्वार

05

00

नैनीताल

06

 06

पौड़ी

10

07

पिथौरागढ़

10

 06

रुद्रप्रयाग

04

04

टिहरी

18

07

उत्तरकाशी

10

 06

ऊधमसिंह नगर

02

00


उत्तराखंड में सीमांत गाँवों को आबाद करेगा बॉर्डर टूरिज्म

5 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस नेगी ने बताया कि राज्य के सीमांत गाँवों को आबाद करने के लिये उत्तराखंड सरकार ‘बॉर्डर टूरिज्म’ योजना शुरू करने की पहल करने जा रही है।

देश के शीर्ष तीन पुलिस स्टेशनों में शुमार हुआ चंपावत का बनबसा थाना

  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उत्तराखंड पुलिस के लिये यह एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि चंपावत ज़िले के बनबसा थाना का चयन देश के करीब 16 हज़ार पुलिस स्टेशनों में से हुआ है। वर्तमान में राज्य में 160 पुलिस स्टेशन संचालित हो रहे हैं।
  • विदित है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत से विधायक भी हैं।
  • पुलिस विभाग के सूत्रों के मुताबिक, बनबसा पुलिस स्टेशन को बेहतर कानून-व्यवस्था, मुकदमों के त्वरित निपटारे, कंप्यूटराइजेशन व अन्य मानकों में अच्छे प्रदर्शन की वजह से श्रेष्ठतम की सूची में शामिल किया गया है।
  • ज्ञातव्य है कि 20 जनवरी को डीजीपी कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पुलिस स्टेशन के एसएचओ लक्ष्मण सिंह जगवाण को यह पुरस्कार देंगे। प्रथम तीन में कौन-सी रैंकिंग मिलेगी, इसकी घोषणा उसी दिन होगी।
  • राज्य के चंपावत ज़िले के एसपी देवेंद्र पींचा ने पुरस्कार की पुष्टि की है। वर्ष 2022 में भी बनबसा थाने को देशभर में सातवीं रैंक मिली थी।
  • उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय अपराध नियंत्रण और आम नागरिकों के साथ व्यवहार आदि मानकों पर शीर्ष थानों का निर्धारण करता है।
  • एसपी देवेंद्र पींचा ने बताया कि बनबसा से नेपाल के लिये वैध आवाजाही होती है। रोजाना औसतन तीन हजार से अधिक देसी-विदेशी लोगों की आवाजाही होती है। बनबसा सीमा से होने वाली मानव तस्करी और मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिये तीन दशक पहले बने इस थाने और बनबसा शारदा बैराज पुलिस चौकी की शानदार भूमिका रही है।


  • उत्तराखंड के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. अरुण कुकसाल को मिलेगा प्रतिष्ठित राहुल सांकृत्यायन पर्यटन पुरस्कार


    • पौड़ी गढ़वाल के चामी गाँव में डॉ. अरुण कुकसाल का जन्म 8 अक्टूबर 1959 को हुआ था। वर्तमान में वे श्रीकोट-श्रीनगर में रहते हैं। डॉ. अरुण कुकसाल पौड़ी के मनरेगा विभाग में लोकपाल पद पर कार्य कर रहे हैं। अरुण कुकसाल ने अब तक सात पुस्तकों की रचना की है।
    • डॉ. अरुण कुकसाल हिमालयी समाज के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक मुद्दों पर प्रकाशित पत्र-पत्रिकाओं तथा सोशल मीडिया में नियमित लेखन से जुड़े हैं। इनकी उद्यमिता विकास, यात्रा साहित्य तथा सामाजिक-सांस्कृतिक विषयक 7 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
    • गौरतलब है की पूर्व में डॉ. अरुण कुकसाल को उद्यमिता शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये ‘राष्ट्रीय उद्यमी उत्प्रेरणा प्रशिक्षक सम्मान’ प्राप्त हुआ है।
    • वर्तमान में डॉ. अरुण कुकसाल अपने पैतृक गाँव चामी में बच्चों, युवाओं और महिलाओं के लिये पुस्तकालय संचालन, कंप्यूटर प्रशिक्षण और कैरियर मार्गदर्शन के कार्य में सक्रिय हैं। साथ ही, लोकपाल (मनरेगा), पौड़ी (गढ़वाल) के पद पर अपनी विशेषज्ञ सेवाएँ प्रदान कर रहें हैं। 
    • रुद्रप्रयाग ज़िला प्रशासन को डिजिटल इंडिया अवॉर्ड 2022 के तहत मिला सिल्वर मेडल

      • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रुद्रप्रयाग के ज़िलाधिकारी मयूर दीक्षित और उपज़िलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। रुद्रप्रयाग ज़िला प्रशासन को यह पुरस्कार डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम (डीआरएस) कैटिगरी में दिया गया है।
      • ज़िलाधिकारी मयूर दीक्षित के नेतृत्व में ज़िला प्रशासन ने यात्रा मार्ग पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली पानी की बोतल, कोल्ड ड्रिंक समेत अन्य प्लास्टिक के सामान का निस्तारण करने के लिये रिसाइक्लिंग की अनोखी व्यवस्था की थी।
      • इसके लिये रिसाइक्लिंग संस्था के साथ मिलकर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर केदारनाथ यात्रा मार्ग, चोपता, तुंगनाथ और देवरियाताल मार्ग पर क्यूआर कोड की व्यवस्था लागू की गई थी। प्लास्टिक सामान के निस्तारण के लिये क्यूआर कोड सिस्टम शुरू किया गया था जिसके तहत प्लास्टिक बोतलों की टैगिंग की गई थी। हर क्यूआर कोड लगी बोतल पर बिक्री के समय 10 रुपए अतिरिक्त वसूले जाते हैं, वहीं प्रत्येक बोतल वापस जमा करने वाले को 10 रुपए दिये जाते हैं। 
      • ज़िलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि वर्ष 2022 में पानी की बोतलों पर क्यूआर कोड लगाने के साथ प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी जबकि कोल्ड ड्रिंक की बोतलों पर भी इसे लागू किया गया।
      • डिजिटल इंडिया अवार्ड्स (DIA) डिजिटल पहलों को सामने लाने का अवसर प्रदान करता है। ये पुरस्कार सभी स्तरों पर सरकारी संस्थाओं द्वारा नवीन डिजिटल समाधानों को प्रोत्साहित करने और सम्मानित करने के लिये भारत के राष्ट्रीय पोर्टल के तत्त्वावधान में स्थापित किये गए हैं।
      • डिजिटल इंडिया अवार्ड्स 2022 का उद्देश्य न केवल सरकारी संस्थाओं बल्कि स्टार्टअप्स को भी डिजिटल इंडिया विजन को पूरा करने के लिये प्रेरित करना है।
      • डिजिटल इंडिया अवार्ड्स के इस संस्करण में सात श्रेणियों में 22 टीमों को पुरस्कार प्रदान किये गए।
      • उत्तराखंड में महिलाओं को मिला क्षैतिज आरक्षण का कानूनी अधिकार, राज्यपाल ने विधेयक को दी मंज़ूरी

        • राजभवन को 14 विधेयक मंज़ूरी के लिये भेजे गए थे। इनमें से महिला आरक्षण समेत 12 को मंज़ूरी मिल गई है, जबकि भारतीय स्टांप उत्तराखंड संशोधन विधेयक और हरिद्वार विश्वविद्यालय विधेयक को राजभवन से अभी मंज़ूरी नहीं मिली है।
        • राज्यपाल की मंज़ूरी के साथ ही उत्तराखंड में महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का कानूनी अधिकार मिल गया है। आरक्षण का लाभ उन सभी महिलाओं को मिलेगा, जिनका उत्तराखंड राज्य का अधिवास (डोमिसाइल) है। बेशक वे राज्य से बाहर किसी भी स्थान पर निवास कर रही हों।
        • प्रदेश सरकार ने 30 नवंबर, 2022 को विधानसभा में बिल को सर्वसम्मति से पारित कराकर राजभवन भेजा था। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में 14 विधेयक पारित हुए थे। अधिकतर संशोधित विधेयक थे, इनमें महिला आरक्षण बिल भी शामिल था।
        • दरअसल, राजभवन से ज्यादातर विधेयकों को मंज़ूरी मिल गई थी, लेकिन महिला क्षैतिज आरक्षण बिल विचाराधीन रहा। राजभवन ने विधेयक को मंज़ूरी देने से पहले इसका न्याय और विधि विशेषज्ञों से परीक्षण कराया। इससे विधेयक को मंज़ूरी मिलने में एक महीने का समय लग गया।
        • हाईकोर्ट ने राज्य लोक सेवा आयोग की उत्तराखंड सम्मिलित प्रवर सेवा के पदों के लिये आयोजित परीक्षा में उत्तराखंड मूल की महिला अभ्यर्थियों के 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण वाले शासनादेशों पर रोक लगा दी थी। हरियाणा की पवित्रा चौहान व अन्य अभ्यर्थियों ने यह याचिका दायर की थी।
        • राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सरकार की विशेष अनुग्रह याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। इस तरह आरक्षण बरकरार रहा। सुप्रीम कोर्ट में इसी मामले में सात फरवरी को सुनवाई होनी है।
        • महिला क्षैतिज आरक्षण को लेकर कब क्या हुआ-
          • 18 जुलाई, 2001 को अंतरिम सरकार ने 20 प्रतिशत आरक्षण का शासनादेश जारी किया।
          • 24 जुलाई, 2006 को तत्कालीन तिवारी सरकार ने आरक्षण को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया।
          • 26 अगस्त, 2022 को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान आरक्षण के शासनादेश पर रोक लगाई।
          • 04 नवंबर, 2022 को सरकार की एसएलपी पर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी।
          • 29 नवंबर, 2022 को सरकार ने विधानसभा के सदन में विधेयक पेश किया।
          • 30 नवंबर, 2022 को सरकार ने विधेयक को सर्वसंमति से पारित कराकर राजभवन भेजा।
          • 10 जनवरी, 2022 को राज्यपाल ने विधेयक को मंज़ूरी दे दी।
          • उत्तराखंड में तीन और स्थानों पर शुरू होंगी हेली सेवाएँ

            • नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि प्रदेश में हेली सेवाओं का दायरा बढ़ाने के अंतर्गत अब देहरादून को नैनीताल व जोशीमठ और हल्द्वानी को मुनस्यारी से जोड़ने की तैयारी है।
            • इसमें से दो हेली सेवाएँ देहरादून से संचालित होंगी, जिसमें देहरादून से नैनीताल और देहरादून से जोशीमठ हेली सेवा शामिल है। इसके अलावा हल्द्वानी से मुनस्यारी को भी हेली सेवा के लिये उपयुक्त पाते हुए यहाँ भी हेली सेवा शुरू करने की तैयारी है।
            • उन्होंने बताया कि पर्यटन एवं तीर्थाटन के दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण देवभूमि की वादियों की हवाई सैर अब आसान और सुलभ हो रही है। सैलानियों को आकर्षित करने के उद्देश्य से सरकार हेली सेवाओं को लगातार विस्तार दे रही है। इस क्रम में प्रदेश में नए हेलीपैड भी बनाए जा रहे हैं।
            • सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि प्रदेश में हेली सेवाओं को विस्तार देने में केंद्र सरकार की ‘उड़ान योजना’की अहम भूमिका है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में अभी देहरादून से चिन्यालीसौड़, देहरादून से गौचर, देहरादून से टिहरी, देहरादून से श्रीनगर, देहरादून से अल्मोड़ा तथा हल्द्वानी से पिथौरागढ़ के लिये हेली सेवाओं का संचालन किया जा रहा है।
            • विदित है कि तीर्थाटन हेतु देहरादून से केदारनाथ व चमोली ज़िले के विभिन्न स्थानों से केदारनाथ व हेमकुंड साहिब के लिये हेली सेवाएँ संचालित की जा रही हैं।  

            ग्रामीण उत्तराखंड उद्यमिता समिट-2023 - ‘गुल्लक’

          • हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में उत्तराखंड उद्यमिता समिट-2023 ‘गुल्लक’का शुभारंभ किया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के व्यवसायियों को विभिन्न क्षेत्रों में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
        • उत्तराखंड में भारत सीरीज नंबर जल्द होंगे शुरू

        • 16 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकि ने बताया कि राज्य में परिवहन विभाग जल्द ही वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिये भारत सीरीज नंबर शुरू करने जा रहा है, जिससे एक से अधिक राज्यों में ट्रांसफर होते रहने वाले सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के कार्मिकों को राहत मिलेगी।

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